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Shri Gajainder Yadav

Sunday, February 7, 2010

बेचारी मुंबई - राहुल का अंहकारी दौरा

२१५०० पोलिस जवान, जमीं से लेकर आसमान तक नजरे फैलाये ब्लैक काट कमांडो ,जिन रास्तो से राहुल{युवराज} गुजरे उन रास्तो पर धारा १४४ ,उन रास्तो पर दुकाने बंद लोगो की सघन तलाशी ,चार लोगो का एक साथ खड़ा होना मुश्किल ,और युवराज के पैरो में पड़े सारे महाराष्ट्र सर्कार के मंत्री ये नजर हम सभी ने टी व् पर देखा और महाराष्ट्र के लोगो ने भोगा लगातार घंटो तक किसी दिन दिल्ली में वी आई पी रूट में फंसे लोगो को देखो और उन पोलिस वालो को जो वंहा खड़े होते है सभी के चहरे ये बताते है की सभी फसे हुए है तो राहुल जैसे पड़े लिखे नेता को आखिर क्या जरुरत आन पड़ी थी मुंबई की पुलिस और पब्लिक तथा नेताओ को फ़साने की मुझे कुछ वजह लगती है आपको बतात हू .

१]अंहकार-शिव सेना की ओकात दिखने का अंहकार अगर सच्चाई में राहुल खुद को उत्तर भारतीयों का हितेषी मानते तो अपने विचारो के कारन ही शिव सेना को निचा दिखा ही सकते थे लेकिन विचारो में इतना अमली जामा नहीं दिख पाता शिव सेना के तो विचार ही राहुल के सामने बोने हो जाते क्योंकि भारत का हर आदमी वसुधेव कुतुम्भ्कम के विचार से ओत प्रोत है किसी का दिल ताकत से नहीं विचरो से जीता जाता है अगर ऐसा नहीं होता तो गांधी जी और विवेकानंद जी के साथ भी सेना सर्कार की ताकत होती

]बिहार का आनेवाला चुनाव- नजदीक में ही बिहार का चुनाव भी आने वाला है शायद वो कारन हो क्योंकि वोट भी तो चाहिए बिना वोटों के पार्टी को कौन पूछने वाला होगा मुंबई में उत्तर भारतीयों के हमले बार - बार हो रहे थे तब भी राहुल अपने पारिवारिक मीटर की शादी में शरीक होने गए थे चुप चाप गए चुप - चाप लौट आये क्योंकि तब बिहार नहीं महाराष्ट्र चुनाव नजदीक था तब राहुल जी को मराठी वोट से और शिव सेना में काटने की फिकर थी

]चकर्वर्ति राजाका अश्वमेघ यग्य - राजाओ की कथाओ में सुना है की चकर्वर्ति राजा के अश्व्मेग यग्य के अश्व को अगर कोई पकड़ लेता था तो राजा अपनी सेना का पूरा लोह लश्कर लेकर उस व्यक्ति से युद्ध की ललकार देता था मुझे कल का नजर कुछ वैसा ही लगा आज कांग्रेस चक्रवर्ती राजा के जैसी है लगातार दो बार सत्ता में जो आई और उसका अश्व और कोई नहीं राहुल जी है भला राहुल जी और कांग्रेस ये कैसे सहन कर सकते है की राहुल की तिप्न्ही के बाद कोई कुछ कहे तो मुझे ये सारा नजर कुछ वैसा ही लगा

राहुल जी चाटुकारों को पसंद नहीं करते फिर वंहा के गृह मंत्री ने चाटुकारिता की हिमाकत क्यों और कैसे की असल में कोंग्रेस का इतिहास ही रहा है ऐसा जवाहर जी, इंदिरा जी ,संजय,राजीव, सभी की एक चाटुकारों की टोली रहती ही थी तो भला राहुल जी कैसे बच पाते देश के अलग अलग हिस्सों में स्कूल कालेज के युओवाओ से मिलकर बात करके जो होसला उन्होंने दिखाया वो कल के अंहकारी दौरे से कुछ हिल सा गया है काश राहुल इस राजनेतिक कीचड़ में रहकर इन सब कमियों से ऊपर रह पाते चलो अच्छा है उनमे राजनेताओ जैसी कमिय मोजूद है नहीं तो वो इंसान से देवता बन जाते और लोग उनकी पूजा करते क्योंकि इसी देश में पत्थर भी पूजे जाते है