आरती त्रिपाठी,14 अप्रेल दिल्ली:- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता अनेको अनेक कार्यक्रम करके बेजान पड़ी भाजपा में जान फुकने में लगे है। ए बी वि पि में कहते है की कार्यक्रम से कार्यकर्ता निर्माण होता है । तीन तरह के कार्यकर्म एक संगठन को सही रूप में खड़ा करने के लिए जरुरी है संग्त्नात्मक,रचनात्मक,आंदोलनात्मक, जिस संगठन में ये होते रहे वह संगठन गतिवान है
विजेंद्र गुप्ता तीनो ही तरह के कार्यक्रम एक साथ करवाकर अपने कोशल का परिचय राष्ट्रिय नेताओ और दिल्ली की जनता को दे रहे है, मंडल अभ्यास वर्ग (संगठनात्मक ) , दिल्ली की समस्याओ धरना प्रदर्शन (आंदोलनात्मक) , और डॉ भीम राव आंबेडकर क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य आयोजन (रचनात्मक )..... भाजपा में युवाओ को नयी स्फूर्ति देने वाले कार्यक्रम बने ।
6 दिसम्बर 2010 को दिल्ली के पश्चिमी जिले से डॉ भीमराव आंबेडकर क्रिकेट टूर्नामेंट का प्रदेश में शुभारम्भ हुआ उस समय सोचा नहीं था की यह टूर्नामेंट दिल्ली में लाखो लोगो तक राजनीती में खेल भावनाओ को पहुचायेगा और करीब 10000 नए युवाओ को बीजेपी की युवा शाखा से जोड़ने वाला सिद्ध होगा ।इसका प्रदेश भर का काम सोपने में भा ज पा अध्यक्ष ने महामंत्री युवा मोर्चा श्री गजेन्द्र यादव पर विश्वास जताया ।बकोल गजेन्द्र यादव-अध्यक्ष जी ने टूर्नामेंट का काम दिया जो एक दम नया काम था पर साथ ही मेरे लिए सिखने समझने का मोका था 272 मंडल में जाकर टीम बनवाकर उनमे मैच करना और प्रदेश तक लाना एक बड़ा काम था लेकिन हमारी टीम उसे पूरा करने को बेताब थी।
टूर्नामेंट 6 दिसम्बर , डॉ बाबा साहेब के निर्वाण दिवस से शुरू करके उनके जन्म दिवस 14अप्रेल को समापन ऐसी योजना बनायीं गयी। 4 महीने 8 दिन का लम्बा समय मिला , पर देखते ही देखते ये समय कम लगने लगा ।सभी जिलो के शुभारम्भ मैच करने के लिए एक एक जिले में कई बार बैठको में जाना शुरू हुआ । नया कार्यक्रम होने के कारण अधिक समय जिला अध्यक्षों को समझाने में लगा की यह कैसे होगा, और जैसे ही दिल्ली में पहला प्रचार शुरू हुआ मानो दिल्ली का युवा इस टूर्नामेंट को हाथो हाथ लेने के लिए तैयार बैठा हो ऐसा लगा मानो विजेंद्र गुप्ता ने जैसे दिल्ली के युवाओ की सलाह से ही शुरू करने की योजना बनायीं हो ।
शुभारम्भ के बाद सभी जिलो से लगातार टीम के लिए सामान्य युवाओ का फोने लगातार आना दिनों दिन फोन का सिलसिला बढने लगा । स्कुल,कोलेज,प्रोफेशनल क्लब-खिलाडी, सभी के फोन आते देख हमारी ख़ुशी का ठिकाना न रहा , हमने विजेंद्र जी को बधाई दी की ये टूर्नामेंट दिल्ली में सबसे बड़ा टूर्नामेंट बनने जा रहा है.... उनका जवाब मै जनता था । हमारे मार्ग दर्शक के रूप में श्री चेतन चोहान जी (पूर्व संसद एवं डी डी क ए सलेक्टर ) को साथ लगाया और बाद में एक और क्रिकेट परिवार से और नेत्री पूनम आजाद को साथ लगाया इन दोनों का ही साथ पाकर हमें होसला मिला । और फिर शुरू हुआ क्रिकेट का महासंग्राम ......... मंडल के भी मैच को देखने सैंकड़ो की संख्या में लोग आने लगे तथा सभी विचारधारा के युवा मैच में खेलते थे । अच्छी बात यह थी की और सभी कार्यक्रमों में लोगो को बुलाना पड़ता था पर इसमें तो लोग खुद पूछते थे की अगला मैच कब होगा लोग मैचो का इंतजार करने लगे थे और तो और जो जिले अभी तक शुभारम्भ नहीं करवा पाए थे उनके नेताओ से लगातार फोन करके पूछने लगे थे ........सच तो यह है की कई जिलो में लोगो के लगातार बढते फ़ोनों के कारण अपने यंहा शुभारम्भ की तिथि रख दी थी। जैसे जिला अध्यक्ष सचिन मित्तल और अशोक भारद्वाज,मुकेश गोयल, ने कहा हमें फोन इतने आ रहे है की जीना मुश्किल हो गया है हम खुद ही शुभारम्भ की तिथि रख देते है ।
एक एक करके पूरी दिल्ली में 384 टीमो का गठन हुआ जिसका बिलकुल व्यवसायिक क्रिकेट का रूप देने के लिए बाकायदा न्यूज पेपर में ऐड दिए गए .. डी डी सी ए की एम्पायर टीम को अनुबंधित किया गया और दिल्ली विश्वविधालय का श्यामलाल कॉलेज ग्राउंड सेमी फाइनल तथा फाइनल मैच के लिए किराये पर 15 दिनों के लिए लिया गया ।
प्रथम पुरस्कार 51000, द्वितीय पुरस्कार 31000, एवं तृतीय पुरस्कार 21000 रखा गया
और मैन ऑफ़ दा मैच को एक हीरो हौंडा की मोटर साईकल भी दी गयी